Wednesday 17 October 2018

केरल के जानेमाने सबरीमला मंदिर

बरीमला मंदिर का दरवाज़ा बुधवार से सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुल पाएगा या नहीं इस पर अब भी संशय बरकरार है.
इस मंदिर में सभी आयु की महिलाओं के प्रवेश को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद बुधवार को इसके द्वार पहली बार सबके लिए खुलने हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर के अपने फ़ैसले में सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी.
इस बीच विरोध के स्वर तेज़ हो गए हैं और सामूहिक आत्महत्याएं और मंदिर में प्रवेश में बाधा डालने की धमकियां सामने आई हैं.
भगवान अयप्पा के भक्तों ने मंगलवार को निलक्कल में महिलाओं को पवित्र पहाड़ी पर चढ़ने से रोक दिया. महिलाओं को रोके जाने से इलाक़े में तनाव बढ़ता जा रहा है.
उधर राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी को भी क़ानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देगी.
साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने का फ़ैसला भी लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को हम लागू करेंगे.'लीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने देशद्रोह के आरोप में कश्मीर के दोनों शोध छात्रों का निलंबन वापस ले लिया है.
बताया गया कि इनके ख़िलाफ़ फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है. इसके अलावा चार छात्रों को दिया गया कारण बताओ नोटिस भी वापस ले लिया गया है.
मन्नान बशीर वानी के मारे जाने के बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी के कैनेडी हॉल में नमाज़-ए-जनाजा की कोशिश की थी. हालांकि छात्रों एवं प्रॉक्टोरियल टीम के विरोध के कारण इसका आयोजन नहीं हो सका.
सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी के तुर्की स्थित अंकारा में सऊदी के वाणिज्य दूतावास से लापता होने के मामले में अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के शाही परिवार का बचाव किया है.
समाचार एजेंसी असोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब पर आरोप लगाना ऐसा ही है जैसे निर्दोष साबित होने से पहले ही दोषी क़रार दिया जाना.
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें बताया है कि लापता पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी के मामले की व्यापक जांच की जा रही है.
शाही परिवार के आलोचक पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी दो अक्टूबर को वाणिज्यिक दूतावास गए थे और वापस नहीं लौटे.
तुर्की की जांच एजेंशियों ने उनकी दूतावास के भीतर ही हत्या किए जाने और शव को ठिकाने लगाए जाने का शक़ ज़ाहिर किया है.

Thursday 4 October 2018

ग्राउंड रिपोर्ट: बागपत में 12 मुसलमानों के हिन्दू बनने का सच क्या

आपका नाम क्या है? 'मेरा नाम अख़्तर अली है जी.' 64 साल के अख़्तर अली शायद भूल गए कि वो दो अक्टूबर को बागपत के बदरखा गांव में हिन्दू बन गए थे. अचानक से उन्हें याद आया और कहा- नहीं जी अब तो मेरा नाम धरम सिंह है.
तीन अक्टूबर की शाम के पांच बजे का वक़्त है. उनके घर के पीछे एक छोटी-सी मस्जिद है. मस्जिद से अज़ान की आवाज़ आती है. धरम सिंह बीच में ही बातचीत रोक देते हैं और अज़ान पूरी हो जाने तक चुप रहते हैं.
क्या 64 साल तक मुसलमान रहे अख़्तरअली बाक़ी का जीवन धरम सिंह बनकर जी लेंगे?
वो कहते हैं, ''मजबूरी है जी. न वहां सुख था न यहां चैन है. युवा हिन्दू वाहिनी ने योगी-मोदी सरकार से हमें इंसाफ़ दिलाने के वादा किया है.''
अगर यहां भी इंसाफ़ नहीं मिला तो? वो कहते हैं, ''वही होगा, न घर के न घाट के.'' क्या अच्छा नहीं होता कि 'इंसाफ़' के लिए आपको हिन्दू नहीं बनना पड़ता? इस सवाल पर धरम सिंह ख़ुद को संभालते हुए आंखें बंद कर लेते हैं.
उत्तर प्रदेश में बागपत से 35 किलोमीटर दूर बदरखा गांव में दो अक्टूबर को अख़्तर अली और उनके तीन बेटों के साथ एक बहू और अन्य आठ लोगों के हिन्दू बनने की ख़बर आई. दिलशाद का कहना है कि अब वो दिलेर सिंह बन गए. इरशाद कहते हैं कि उन्हें अब कवि कहा जाए और नौशाद को अब नरेंद्र सिंह नाम भा रहा है.
दिलशाद की पत्नी मनसु का भी कहना है कि वो अब मंजू हैं. नौशाद यानी अब नरेंद्र की पत्नी रुक़ैया कहती हैं कि उन्हें अपने ही मज़हब में रहना है और उनके पति झूठ बोल रहे हैं कि वो हिन्दू बन गई हैं.
रुकै़या जब ये बात मुझसे बता रही थीं तो नरेंद्र ने उन्हें रोकने की कोशिश की. रुकै़या ने अपने पति से कहा, ''आपको जो बनना है बनो. मुझे अपने ही मज़हब में रहना है.''
रुकै़या की गोद में चार साल का उनका बेटा नाहिद है. नरेंद्र कहते हैं कि उनका बेटा नाहिद भी हिन्दू बन गया है. ये सुनकर रुकै़या कड़ी आपत्ति जताती हैं और कहती हैं, ''तुम बनो जो बनना है. ये मुसलमान ही रहेगा.''
नरेंद्र अपनी पत्नी को पलटकर कुछ जवाब नहीं दे पाते हैं. इसी बीच नाहिद अनाज के बोरे पर रखे उस भगवा गमछे को अपने कंधे पर डाल लेता है जिसे ओढ़ नौशाद नरेंद्र बने थे. रुकै़या नाहिद को डांटती हैं और वो उस गमछे को वहीं रख देता है.
बदरखा गांव में इस परिवार का कोई घर नहीं है. ये गांव के ही जसबीर सिंह चौधरी के घर में पिछले दो महीनों से रह रहे हैं. यह बड़ा-सा घर है. इनका कहना है कि युवा हिन्दू वाहिनी भारत नाम के संगठन ने उसे ये घर दिलवाया है.
'युवा हिन्दू वाहिनी भारत' के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सोकेंद्र खोखर इसी गांव के हैं और उन्होंने ही ये घर दिलवाया है. क्या यह संगठन हिन्दू युवा वाहिनी से अलग है? सोकेंद्र कहते हैं, ''हिन्दू युवा वाहिनी को योगी जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद बंद कर दिया था. ये तो अलग है जी. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान (एमपी के मुख्यमंत्री नहीं) हैं और संरक्षक पूर्व सपा नेता अमर सिंह.
युवा हिन्दू वाहिनी के सोकेंद्र खोखर और योगेंद्र तोमर ने इस परिवार को बदरखा गांव के एक मंदिर में मुसलमान से हिन्दू बनाया. सोकेंद्र का कहना है कि ये इस्लाम से आजिज आ गए थे और स्वेच्छा से हिन्दू धर्म को अपनाया है.
युवा हिन्दू वाहिनी किस अधिकार से लोगों का धर्म परिवर्तन कराती है? सोकेंद्र कहते हैं, ''कुछ नहीं जी, बस कोई मुसलमान से हिन्दू बनता है तो अच्छा लगता है. मैंने इनसे कोई वादा नहीं किया है. हां, घर ज़रूर दिलवाया है, लेकिन ये हमेशा के लिए नहीं है. इन्हें ये घर भी छोड़ना होगा.''
दूसरी तरफ़ नौशाद कहते हैं, ''हमलोग 29 सितंबर को सोकेंद्र खोखर से मिलने गए थे. उन्होंने कहा वो मेरे भाई गुलशन की मौत में पुलिस और सरकार से मदद कराएंगे. उन्होंने साथ देने का वादा किया और कई तरह की मदद की. धर्म परिवर्तन की बात भी वहीं हुई. वहीं हमने तय किया कि हिन्दू बनना है.''
दिलशाद जो कि अब दिलेर सिंह बनने का दावा कर रहे हैं, वो कहते हैं, ''इन्होंने हमारी बहुत मदद की जी. बस भाई की हत्या में इंसाफ़ मिल जाए.'' जब दिलेर सिंह से पूछा कि इस घर में आपको कब तक रहने दिया जाएगा तो उनकी आंखें नम हो गईं. बोलने लगे, ''पता नहीं जी कहां जाऊंगा. अगर यहां आने के बाद भी कुछ फ़ायदा नहीं हुआ तो पछतावा ही होगा. हम कहीं के नहीं रह जाएंगे जी.''
दिलशाद की पत्नी मनसु भी ख़ुद को हिन्दू बता रही हैं. उनका कहना है कि अब वो मंजू हैं. मनसु को मंजू बनना कितना अच्छा लग रहा है? मिट्टी के चूल्हे पर गोबर के उपले से खाना पका रहीं मंजू इस सवाल पर चुप हो जाती हैं. यहां कोई उज्ज्वला सिलिंडर नहीं दिखा. मंजू चुप्पी तोड़ते हुए कहती हैं, ''अभी तक तो गांव के हिन्दुओं ने काफ़ी मदद की है जी. आगे का नहीं पता.''
इरशाद की पत्नी आशिमा अपने पति के हिन्दू बनने से नाराज़ थीं और वो घर छोड़कर मायके चली गईं. शबारा भी इसी परिवार की एक बहू हैं. उन्हें भी घर के मर्दों ने हिन्दू बनने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. शबारा कहती हैं, ''मैं जो हूं वहीं रहूंगी. इनको लगता है कि हिन्दू बनने से बेटे की मौत में इंसाफ़ मिल जाएगा तो अच्छा ही है. मैं भी इसकी दुआ करती हूं.''
आंगन में बैठ बर्तन धो रहीं शबारा बड़ी मायूसी से कहती हैं कि हिन्दू-मुस्लिम के फेर में पूरा परिवार बिखर गया. जब ये महिलाएं ये सब कही रही थीं तो गांव के भी कई लोग वहां मौजूद थे. वो उस परिवार को कई बार समझाते दिखे कि क्या कहना है और क्या नहीं कहना है.
उनके सिखाने के बाद इस परिवार का बयान तत्काल बदल जाता है. हालांकि इस घर में रुकै़या एक ऐसी महिला हैं जो सबके सामने कहती हैं कि उनके पति ने जल्दबाज़ी में बहककर फ़ैसला लिया है.
दावा किया जा रहा है कि 20 सदस्यों वाले इस परिवार के 12 लोगों ने हिन्दू धर्म अपना लिया है. अगर इस परिवार से बात करेंगे को कुल छह लोग खुलकर कहते हैं कि वो हिन्दू बन गए हैं. पूरे गांव में इसे लेकर हलचल है.
रात के आठ बज गए हैं. राजकुमार इसी गांव के हैं और वो प्रधान हैं. उनके घर पर कई लोग बैठे हुए हैं. ग्रैजुएशन में पढ़ने वाले कुछ युवा भी हैं जो आपस में बात करते हुए कहते हैं- मीडिया वाले तो पागल हो गए हैं. इन्हें नहीं पता कि जब तक फ़ायदा है तब तक ही ये हिन्दू रहेंगे, फिर वो मुसलमान ही बनेंगे.
गांव में पुलिस वाले भी आए हैं. उनमें से एक अधिकारी ने बातचीत के दौरान कहा- जो ना खाए सुरा (सूअर) हिन्दू ना होवै पूरा. उनका कहना था कि हिन्दू तो हो गया है, लेकिन उसे सूअर खिलाकर दिखा दो. गांव के कुछ लोगों का कहना है कि एक-दो दिनों में सात से आठ लोग और हिन्दू बन सकते हैं. हालांकि युवा हिन्दू वाहिनी इससे इनकार कर रही है.

Monday 1 October 2018

केजरीवाल के ट्वीट पर विवेक तिवारी की पत्नी को ऐतराज़

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही की गोली से लखनऊ में शुक्रवार की रात मारे गए विवेक तिवारी पर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है.
तिवारी के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक वो एपल कंपनी में एरिया मैनेजर थे. 38 साल के तिवारी की मौत के बाद से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
रविवार सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने की कोशिश की.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आँखों से पर्दा हटाइए. भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है. सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे.''
दोपहर में उनका एक और ट्वीट आया, "एक बेगुनाह हिन्दू को दिनदहाड़े गोली मार दी. उनके हत्यारे से थाने में बिठा कर प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करवाते हो. आपका मंत्री उनको अपराधी घोषित करता है. उनके लिए जब हम न्याय माँगते हैं तो भाजपा वाले कहते हैं हमारी ओछी सोच है?"
शाम होते होते केजरीवाल ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज के एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, "बिलकुल. जिस लड़की का भाजपा विधायक सेंगर ने बलात्कार किया, वो भी हिंदू थी. अब तो अपनी आँखों से पट्टी हटाओ. भाजपा हिंदुओं का मर्डर करती है, हिंदुओं की बेटियों से बलात्कार करती है, फिर भाजपा हिंदुओं की हितैषी कैसे हो सकती है?"
केजरीवाल के ट्वीट पर मीडिया ने जब लखनऊ में विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना से पूछा तो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर 'राजनीतिक रोटिया सेंकने' का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वो इस मामले को जबरन धर्म से जोड़ रहे हैं.
कल्पना ने कहा, "केजरीवाल को ऐसा नहीं कहना चाहिए. किसी भी मैटर में जाति को सामने लेकर नहीं आना चाहिए. क्या मोदी जी की सरकार किसी भी जाति को ऊपर या नीचे करके देखती है? वो सबको बराबर देखते हैं. अरविंद केजरीवाल जी को अपने ट्वीट के ऊपर सोचना चाहिए. हर मैटर को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने राजनीतिक रोटियां सेंकनी शुरू कर दी. उनका ट्वीट ग़लत है. उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए. ऐसा ट्वीट नहीं करना चाहिए था."
कल्पना ने एबीपी न्यूज़ चैनल से कहा कि उन्हें बेटियों की सुरक्षा की चिंता सता रही है.
उन्होंने कहा, "पुलिस कॉन्स्टेबल मेरे पति का हत्यारा है. मुझे उस हेड कॉन्स्टेबल पर भरोसा नहीं है. वो मुझे और मेरे बच्चों को नुक़सान पहुंचा सकता है."
उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का फ़ोन आया था. कल्पना ने कहा कि केजरीवाल ने समर्थन का वादा किया है.
कल्पना की मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी उनके घर पर आएं तभी उनके पति विवेक की अंत्येष्टि होगी. हालांकि योगी तो नहीं आए, लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहुंचे तो अंत्येष्टि हुई.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "सरकार इस घटना से दुखी है. तत्काल ऐसे क़दम उठाए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों. हम दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाएंगे."
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मीडिया से कहा, "यह बहुत दुखद घटना है. सरकार ऐसे अपराध बर्दाश्त नहीं करेगी. इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई. अभियुक्त को गिरफ़्तार किया गया और मामला दर्ज कर लिया गया. परिवार के लिए सरकार उनकी ज़रूरतों के मुताबिक़ सभी सहायता मुहैया कराएगी."
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मृतक विवेक तिवारी के परिवार के साथ संवेदना प्रकट करते हुए पांच करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की मांग की.
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